spot_img

मनाया गया जलझूलनी एकादशि का पर्व, भगवान को डोली में बिठाकर कराया गया जल क्रिड़ा, मंदिर के मठाधीश्वर रहे मौजूद

Must Read

भरत सिंह चौहान : धर्म एवं अध्यात्म की नगरी शिवरीनारायण में जलझूलनी एकादशी का पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। परंपरागत रूप से भगवान को डोली में बिठाकर नगर भ्रमण कराते हुए त्रिवेणी संगम तट पर ले जाया गया।

- Advertisement -
ACN
ACN

जांजगीर जिले के शिवरीनारायण मठ मंदिर में जलझूलनी एकादशी जिसे डोल ग्यारस या जल क्रीड़ा एकादशी के नाम से जाना जाता है का पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। मठ मंदिर के सामने भगवान गोपाल जी के लिए डोल सजाया गया, जहां शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास, सभी संत महात्माओं व श्रद्धालुओं ने बारी – बारी से भगवान की पूजा अर्चना की, तत्पश्चात भजन -कीर्तन के साथ भगवान की शोभा यात्रा मध्य नगरी चैक, हनुमान मंदिर होते हुए महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर रामघाट ले जाया गया, यहां भगवान की विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात उन्हें नाव में बिठाकर नदी के मध्य जलविहार के लिए ले जाया गया। भगवान को जल क्रीड़ा कराकर पुनः शोभायात्रा के साथ मठ मंदिर में लाया गया।

डोल ग्यारस के पर्व के संदर्भ में अपने संदेश में शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त महाराज ने कहा कि प्रत्येक माह के दोनों पक्ष में एकादशी का पर्व होता है एक वर्ष में 24 एकादशी हम सभी सनातन धर्मावलंबी मनाते हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना -अपना अलग ही महत्व है। एकादशी का पर्व भगवान श्री हरि को समर्पित है,जो भी श्रद्धालु भक्तजन इस व्रत का पालन श्रद्धा -भक्ति पूर्वक नियम से करते हैं भगवान श्री हरि उनकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

बालको के अग्निशमन सेवा सप्ताह से अग्नि सुरक्षा जागरूकता को मिला बढ़ावा

बालकोनगर, 25 अप्रैल, 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अग्नि सुरक्षा अभियान के साथ...

More Articles Like This

- Advertisement -